• Home
  • Who We Are
  • Our Courses
    • Yoga
    • Meditation
    • Happy Life
    • Nutrition & Diet
  • Team
  • Wisdom
    • Yoga
    • Meditation
    • Happy Life
    • Nutrition & Diet
    • Wisdom
  • Contact
  • Have any question?
  • +91 7027911912
  • info@divyamitra.com
RegisterLogin

Login with your site account

Lost your password?

Not a member yet? Register now

Register a new account

Are you a member? Login now

Divya Mitra
  • Home
  • Who We Are
  • Our Courses
    • Yoga
    • Meditation
    • Happy Life
    • Nutrition & Diet
  • Team
  • Wisdom
    • Yoga
    • Meditation
    • Happy Life
    • Nutrition & Diet
    • Wisdom
  • Contact

Meditation

Home » Blog » ध्यान क्या है?

ध्यान क्या है?

  • Posted by admin
  • Categories Meditation
  • Date February 1, 2023
  • Comments 0 comment

ध्यान

ध्यान क्या है?

जब ‘मैं’ का विस्मरण हो जाता है तब वह ध्यान होता है। ‘मैं’ यानी क्या? ‘मैं’ यानी अहंकार, जब अहम् आकार ले लेता है तो उसे अहंकार कहते हैं। जब हम इस ‘मैं’ या इस अहंकार को भूल जाते हैं तब हम ध्यानमय हो जाते हैं।

क्या ध्यान किया जा सकता है?

लोग कहते हैं, ध्यान करना चाहिए। मेरे विचार में ध्यान तो किया ही नहीं जा सकता, क्योंकि वह कोई कार्य नहीं है। ध्यान तो दिया जा सकता है, ध्यान तो लग जाता है।

विज्ञान भैरव तंत्र और ध्यान

विज्ञान भैरव तंत्र गौरी शंकर का संवाद है। मां पार्वती पूछती है, “महादेव! ध्यान क्या है?” महादेव उत्तर देते हैं, “गौरी! जब भी तुम भोजन करो तो स्वयं उस भोजन का स्वाद बन जाओ। यही ध्यान है।”

स्पष्ट है जहां ध्यान को लगाया जाए, उसी में खो जाना ध्यान है। जब व्यक्ति कोई कार्य करें तो वह उस कार्य में इस प्रकार तल्लीन हो जाए कि उसे स्वयं का भी विस्मरण हो जाए। तब कहा जा सकता है कि ध्यान लग गया है।

 (ध्यान रहे यहां मैंने विस्मरण शब्द का उपयोग किया है किंतु इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि जागरूकता खो जाए। नहीं, क्योंकि यदि जागरूकता नहीं होगी तो वह ध्यान नहीं नींद हो जाएगी और नींद ध्यान नहीं है। जागरूकता परम आवश्यक है।)

महत्व

यदि किसी का ध्यान इस प्रकार लग जाता है तो वह वास्तव में स्वयं के वास्तविक रूप का अनुभव कर लेता है और इससे जीवन में वह किसी भी कार्य को कर सकता है और किसी भी कार्य में सफलता को प्राप्त कर सकता है।

क्या ध्यान कि कोई विधि हो सकती है?

लाभों के पश्चात अब ध्यान की विधियों की बात करते हैं। संसार में ध्यान की कई विधियां प्रचलित है। किंतु यदि वास्तविकता की बात की जाए तो ध्यान की तो कोई विधि हो ही नहीं सकती। विज्ञान भैरव तंत्र ध्यान के होने के 112 सूत्र बताता है, इसमें भी कोई विधि नहीं बताई गई है।

जो भी विधियाँ होती है, वह धारणा की होती है। यदि हम बैठकर ध्यान करने का प्रयास करते हैं और ईष्ट पर या जिस पर भी आस्था है उस पर ध्यान लगाते हैं तो वास्तव में हम धारणा करते हैं। धारणा का सरल भाषा में अर्थ है, ‘धार लेना या धारण कर लेना’ अर्थात् अपने ध्येय या ईष्ट को ह्यदय या अंतर में धारण कर लेना और इसी प्रकार धारणा करते-करते व्यक्ति ध्यान की स्थिति में पहुंच जाता है और उसे इस बात का स्मरण भी नहीं रहता है। व्यक्ति विचार शून्य हो जाता है और पुनः विचार शून्यता अर्थात् ‘मैं का विस्मरण’ अहंकार का लुप्त हो जाना।

ध्यान, शांति और सफलता

जो व्यक्ति ध्यान की स्थिति से बाहर आता है तो वह अधिक शांत हो जाता है, उसे वस्तुओं का अधिक बोध होने लगता है। समझ बढ़ती है और वह परिस्थितियों या जो भी संसार में होता है, सभी को वास्तविक दृष्टि से देखने लग जाता है कि एकाग्रता, स्मरणशक्ति में भी वृद्धि होने लगती है। वह आंतरिक सुख को जान जाता है।

ध्यान स्वामी विवेकानंद जी की तीक्ष्ण स्मरणशक्ति, एकाग्रता और जागरूकता का कारण था।

सफल उद्योगपति एंड्रयू कार्नेगी ने भी अपनी सफलता का रहस्य ध्यान को बताया था।

ध्यान से समाधि की ओर

ध्यान के महत्व को जितना बताया जाए, वह कम है और ध्यान में क्या होता है? यह तो वह व्यक्ति भी नहीं बता सकता जो ध्यान में लीन होता है या ध्यान में जा चुका होता है, क्योंकि यह एक विचारशून्य स्थिति होती है।

ध्यान में लीन होते-होते जब मैं का विलय हो जाता है तब वह स्थिति समाधि हो जाती है।

समाधि की चर्चा हम अगली कड़ी में करेंगे।

धन्यवाद!

Tag:meditation, peace, ध्यान, शांति, समाधि, स्वामी विवेकानंद

  • Share:
author avatar
admin

Previous post

योग का महत्व Importance of Yoga
February 1, 2023

Next post

हम उम्मीद क्यों करते हैं? Expectations
February 7, 2023

Leave A Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Contact Details

  • +91 7027911912
  • Barwani, Madhya Pradesh, India
  • info@divyamitra.com

Quick Links

Who We Are

Our Team

Contact Us

Important Links

My Account

My Cart

Our Courses

Divya Mitra All Right Reserved.

  • Privacy Policy
  • Terms & Condition
  • Return Policy

91 7027911912